ड्रैगन फ्रूट का ग्लोबल सफर: कहां होता है सबसे ज़्यादा उत्पादन और कौन देश है इसका सबसे बड़ा निर्यातक?
हाल के वर्षों में ड्रैगन फ्रूट, जिसे पिताया (Pitaya) भी कहा जाता है, एक आम ट्रॉपिकल फल से निकलकर ग्लोबल सुपरफ्रूट बन चुका है। इसकी चमकदार गुलाबी या पीली बाहरी त्वचा, काले बीजों वाली सफेद या लाल गूदा, और हल्की मिठास इसे उतना ही सुंदर बनाती है जितना कि यह पौष्टिक होता है। एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, विटामिन C और मिनरल्स से भरपूर यह फल अब स्मूदीज़, सलाद, मिठाइयों और हेल्थ फूड स्टोर्स में लगातार लोकप्रिय हो रहा है।
लेकिन सवाल है — दुनिया को ड्रैगन फ्रूट सबसे ज़्यादा कहां से मिलता है? कौन-से देश इसका उत्पादन और निर्यात करते हैं, और कैसे यह फल ग्लोबल फूड चेन का हिस्सा बना?
ड्रैगन फ्रूट उत्पादन में अग्रणी देश

🇻🇳 वियतनाम — दुनिया का सबसे बड़ा सप्लायर
- वार्षिक उत्पादन: 13 लाख मीट्रिक टन से अधिक
- वैश्विक हिस्सेदारी: 50% से भी ज़्यादा
वियतनाम ड्रैगन फ्रूट का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश है। यहाँ के बिन थुआन, लोंग आन और तिएन जियांग जैसे दक्षिणी और मध्य क्षेत्र इसकी खेती के प्रमुख केंद्र हैं।
मुख्य निर्यात देश:
- चीन (80% से अधिक)
- भारत
- यूएई
- जर्मनी, नीदरलैंड, यूके
- अमेरिका
सफलता के कारण:
- अनुकूल ट्रॉपिकल जलवायु
- एलईडी लाइट से ऑफ-सीज़न में भी उत्पादन
- GlobalGAP और VietGAP प्रमाणित फार्म्स
- मज़बूत कोल्ड-चेन और लॉजिस्टिक्स
- ऊँची उत्पादन क्षमता (20–35 टन प्रति हेक्टेयर)
🇨🇳 चीन — सबसे बड़ा खरीदार और अब उत्पादक भी

- घरेलू उत्पादन: लगभग 6.5–7 लाख मीट्रिक टन
हालांकि चीन वियतनाम से भारी मात्रा में ड्रैगन फ्रूट आयात करता है, लेकिन अब वह गुआंग्शी, हैनान, ग्वांगडोंग, और फ़ुजियान क्षेत्रों में खुद भी खेती बढ़ा रहा है।
भूमिका:
- सबसे बड़ा आयातक
- LED आधारित खेती से घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर ज़ोर
- आयात पर निर्भरता कम करने की नीति
अब भी चीन सबसे बड़ा ड्रैगन फ्रूट उपभोक्ता बना हुआ है।
🇹🇭 थाईलैंड — दक्षिण-पूर्व एशिया का फ्रूट पॉवरहाउस

- वार्षिक उत्पादन: लगभग 2.2–2.5 लाख मीट्रिक टन
थाईलैंड में नाकॉन रचासीमा, प्राचिनबुरी, फेचाबून जैसे क्षेत्रों में ड्रैगन फ्रूट की खेती होती है।
मुख्य बाज़ार:
- चीन
- मलेशिया
- सिंगापुर
- मिडिल ईस्ट देश
यह देश वियतनाम और चीन से पीछे होने के बावजूद, दक्षिण एशियाई पड़ोसियों को स्थिर सप्लाई देता है।
🇪🇨 इक्वाडोर — पीले ड्रैगन फ्रूट का विशेषज्ञ

- वार्षिक उत्पादन: 45,000–50,000 मीट्रिक टन
मोरोना सैंटियागो क्षेत्र के पालोरा में पीली त्वचा और सफेद गूदे वाले ड्रैगन फ्रूट की जैविक खेती होती है, जिसे खासतौर पर प्रीमियम मार्केट में पसंद किया जाता है।
निर्यात बाज़ार:
- अमेरिका
- कनाडा
- यूरोपियन यूनियन
- यूएई
🇮🇳 भारत — एक उभरता हुआ खिलाड़ी

- वार्षिक उत्पादन: 30,000–35,000 मीट्रिक टन
- प्रमुख क्षेत्र: महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश
सरकार की बागवानी योजनाओं और स्वदेशी उत्पादन बढ़ाने की नीति के चलते, भारत में ड्रैगन फ्रूट की खेती बढ़ रही है।
उपयोग:
- मुख्यतः घरेलू मार्केट (मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई)
- सीमित निर्यात (मिडिल ईस्ट और कुछ एशियाई देश)
- 2028 तक 50,000 हेक्टेयर में विस्तार का लक्ष्य
अन्य छोटे लेकिन उभरते देश:
- इज़राइल: जैविक ड्रैगन फ्रूट, यूरोप को निर्यात
- फिलिपींस: घरेलू उपयोग और मामूली निर्यात
- मलेशिया: लाल गूदे वाले फल, सिंगापुर और इंडोनेशिया को सप्लाई
- ऑस्ट्रेलिया: उच्च गुणवत्ता, सीमित घरेलू उपयोग
- अमेरिका: कैलिफ़ोर्निया, फ्लोरिडा और हवाई में सीमित खेती
दुनियाभर में कहां जाता है ड्रैगन फ्रूट?

शीर्ष उपभोक्ता देश:
- चीन (70% से अधिक वैश्विक खपत)
- अमेरिका
- भारत
- यूएई
- जर्मनी, नीदरलैंड, यूके
- जापान, दक्षिण कोरिया
ड्रैगन फ्रूट की मांग लगातार बढ़ रही है क्योंकि:
- यह एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C से भरपूर है
- फाइबर अधिक, कैलोरी कम
- सुपरफूड के रूप में ट्रेंडिंग
- स्मूदी, डेज़र्ट, सलाद और ड्रिंक्स में बहुपयोगी
- Instagram-worthy लुक के कारण फूड मार्केट में पसंदीदा
निष्कर्ष
ड्रैगन फ्रूट अब केवल एशिया या लैटिन अमेरिका तक सीमित नहीं रहा। यह फल अब ग्लोबल हेल्थ मार्केट का हिस्सा बन चुका है। बेहतर उत्पादन तकनीक, बढ़ती स्वास्थ्य जागरूकता और वैश्विक स्वादों के साथ इसकी मांग लगातार आसमान छू रही है।
डिस्क्लेमर
इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। Dr You भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है