जैसे ही बारिश की बूंदें धरती पर गिरती हैं, वैसे ही मन कुछ ठंडा-ठंडा खाने का करता है। ऐसे में दही सबसे आम और पसंदीदा चीज़ होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बारिश में दही खाना फायदेमंद है या नुकसानदायक? कई लोग कहते हैं कि इससे सर्दी-जुकाम हो जाता है, तो कुछ इसे इम्यूनिटी के लिए अच्छा मानते हैं। तो क्या है इस उलझन की सच्चाई? चलिए जानते हैं, आयुर्वेद और साइंस दोनों की नजर से।
बारिश में दही खाने के फायदे

दही सिर्फ स्वाद में ही नहीं, सेहत में भी खास है। अगर इसे सही समय और तरीके से खाया जाए, तो बारिश के मौसम में भी कई फायदे मिल सकते हैं।
दरअसल, दही एक प्रोबायोटिक फूड है, यानी इसमें गुड बैक्टीरिया होते हैं जो हमारे पेट की सेहत सुधारते हैं। बारिश के मौसम में अक्सर पाचन गड़बड़ हो जाता है, ऐसे में दही आपके डाइजेशन को मजबूत करता है और शरीर को हल्का रखता है।
साथ ही, दही में मौजूद कैल्शियम, विटामिन B12 और प्रोटीन आपकी हड्डियों, त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होते हैं। इसमें लैक्टिक एसिड होता है, जो शरीर में खराब बैक्टीरिया से लड़ता है और इम्यूनिटी को बेहतर बनाता है। अगर आप वजन घटा रहे हैं, तो दही आपकी भूख को कंट्रोल करता है और लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है।
बारिश में दही खाने के नुकसान – क्या सावधान रहना ज़रूरी है

अब सवाल ये है कि अगर दही इतना फायदेमंद है, तो लोग इससे दूर क्यों रहते हैं?
असल में, दही की तासीर ठंडी होती है, और बारिश के मौसम में वातावरण में नमी और बैक्टीरिया का संक्रमण बढ़ जाता है। ऐसे में गलत समय या गलत तरीके से खाया गया दही आपकी सेहत बिगाड़ सकता है।
- कुछ लोगों को इससे सर्दी, खांसी या बलगम की समस्या हो जाती है।
- पुराने या खट्टे दही से पेट में गैस, अफारा या उल्टी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
- जिन लोगों की इम्यूनिटी पहले से कमजोर है या जिन्हें साइनस, अस्थमा, टॉन्सिल जैसी परेशानियां हैं, उन्हें बारिश में दही से परहेज़ करना चाहिए।
- रात में दही खाना विशेष रूप से हानिकारक हो सकता है क्योंकि यह शरीर में कफ और ठंडक बढ़ा सकता है।
बारिश में दही कैसे खाएं – सही तरीका क्या है?
बारिश के मौसम में दही खाना पूरी तरह बंद नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे सही तरीके से खाना ज़रूरी है ताकि इसके फायदे मिलें और नुकसान से बचा जा सके।
मौसम की उमस में शरीर को ठंडक देता है

मानसून का मौसम नमी और उमस से भरपूर होता है, जिससे शरीर का तापमान असंतुलित हो जाता है। ऐसे समय में व्यक्ति को बार-बार थकान, चिड़चिड़ापन और शरीर में भारीपन महसूस होता है। पसीने की अधिकता से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी भी हो जाती है, जो ऊर्जा स्तर को प्रभावित करती है। ऐसे में दही एक प्राकृतिक शीतलकारक (Natural Coolant) की तरह काम करता है।
दही की ठंडी तासीर शरीर को अंदर से ठंडक पहुंचाती है और पाचन क्रिया को संतुलित रखती है। यह शरीर के अधिक तापमान को नियंत्रित करता है और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याओं से भी बचाव करता है। इसके अलावा, दही में मौजूद पानी और लैक्टिक एसिड त्वचा और आतों को ठंडक देते हैं, जिससे शरीर को राहत मिलती है।
गर्म और उमस भरे मौसम में दही को रायता, लस्सी या छाछ के रूप में लेना अधिक फायदेमंद होता है। यह न केवल प्यास को शांत करता है, बल्कि शरीर को रिहाइड्रेट भी करता है। इसलिए मानसून की उमस से लड़ने के लिए दही एक बेहतरीन प्राकृतिक उपाय है, जो शरीर को शीतलता, ऊर्जा और स्फूर्ति प्रदान करता है – वह भी बिना किसी दुष्प्रभाव के।
दही खाने का सही तरीका

- दोपहर के समय खाएं: सुबह या दोपहर में दही पचाने में आसान होता है, जबकि रात में यह ठंडक बढ़ा सकता है।
- ताजा दही खाएं: 24 घंटे से ज़्यादा पुराना दही न खाएं। बारिश में जल्दी खट्टा और बासी हो जाता है।
- गुनगुने मसालों के साथ खाएं: दही में भुना जीरा, काली मिर्च, अजवाइन या थोड़ी हल्दी मिलाकर खाने से इसकी तासीर बैलेंस हो जाती है।
- छाछ बेहतर विकल्प है: अगर कफ की दिक्कत है, तो दही की जगह पतली छाछ (बटरमिल्क) लेना ज़्यादा फायदेमंद रहेगा।
- दही को पकाकर खाएं: चाहें तो दही को कढ़ी या रायता में इस्तेमाल करें – जिससे ठंडक कम हो जाती है और पाचन आसान हो जाता है।
दही को कैसे खाएं ताकि फायदे हों ज़्यादा
- दही में थोड़ा काला नमक, जीरा पाउडर या हींग मिलाकर खाएं।
- दही को छाछ या रायते के रूप में लेना और भी फायदेमंद होता है।
- फ्रूट योगर्ट या मिक्स दही रायता बनाकर आप स्वाद के साथ सेहत भी पा सकते हैं।
किन चीजों के साथ दही न खाएं
- मछली, प्याज, दूध, या गर्म तेल में बनी चीज़ों के साथ दही ना खाएं – ये कॉम्बिनेशन आयुर्वेद में वर्जित माने गए हैं।
- बहुत ज्यादा दही खाने से शरीर में बलगम और सुस्ती बढ़ सकती है।
100 ग्राम दही में पोषक तत्व (Nutrients in 100g Curd)

पोषक तत्व (Nutrient) | मात्रा (Approx. Amount) |
---|---|
कैलोरी (Calories) | 98 kcal |
प्रोटीन (Protein) | 11 ग्राम |
वसा (Fat) | 4.3 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट (Carbs) | 3.4 ग्राम |
शर्करा (Sugar) | 3.2 ग्राम |
कैल्शियम (Calcium) | 120 मिलीग्राम |
फॉस्फोरस (Phosphorus) | 95 मिलीग्राम |
विटामिन B12 | 0.75 माइक्रोग्राम |
राइबोफ्लेविन (B2) | 0.26 मिलीग्राम |
सोडियम (Sodium) | 36 मिलीग्राम |
पोटैशियम (Potassium) | 155 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम (Magnesium) | 11 मिलीग्राम |
लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया | ~ सक्रिय (Active Cultures) |
डिस्क्लेमर
इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। Dr You भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।