फैटी लिवर की समस्या होने पर करें चुकंदर का सेवन, मिलेंगे कई फायदे


फैटी लिवर की समस्या को दूर करता है चुकंदर

चुकंदर (Beetroot) सिर्फ एक रंगीन सब्ज़ी नहीं, बल्कि यह शरीर के सबसे अहम अंग लीवर की सफाई और देखभाल में मदद करने वाला नेचुरल सुपरफूड है। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों में चुकंदर को लिवर डिटॉक्स के लिए उपयोगी माना गया है।लाइफस्टाइल में लगातार बदलाव का असर सेहत पर देखने को मिलता है। आज के समय में सीटिंग जॉब और ऊपर से शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण कई तरह के लक्षण दिखाई देने लगे हैं। वहीं, बाहर का जंक फूड लिवर व किडनी से जुड़े कई रोगों का मुख्य कारण माना जाता है। इन सभी बदलावों के चलते आपने इस बात को नोटिस किया होगा कि बीते कुछ वर्षों से फैटी लिवर एक आम समस्या बनती जा रही है। यह समस्या तब होती है जब व्यक्ति के लिवर की कोशिकाओं में फैट जमा हो जाता है। इसके दो प्रकार होते हैं। लेकिन, यदि आप लाइफस्टाइल में बदलाव करें, तो इस समस्या के जोखिम को कम किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो शारीरिक व्यायाम और डाइट में बदलाव फैटी लिवर के रोग को दूर करने में सहायक होता है। इसके लिए आप डाइट में चुकंदर को शामिल कर सकते हैं। चुंकदर को डाइट में शामिल कर आप फैटी लिवर की समस्या से कैसे बच सकते हैं। 


फैटी लिवर में चुकंदर का पानी पीने के फायदे

चुकंदर आपके लिवर की मदद करने में बहुत अच्छा है। इसमें मौजूद बीटाइन शरीर से गंदगी को डिटॉक्स करता है जो लिवर में जमा फैटी एसिड को कम करने में मददगार है। फैटी लिवर के मरीजों को इसे उबालकर इसका पानी पीना चाहिए जो कि अपने साथ लिवर में जमा गंदगी को साफ करता है और लिवर के काम काज को बेहतर बनाता है। ये सभी बाइल जूस संतुलित रखता है जिससे लिवर फंक्शन सही रहता है।

100 ग्राम चुकंदर की पोषण प्रोफाइल (Beetroot Nutrition Per 100g)

पोषक तत्व (Nutrient)मात्रा (Per 100g)
ऊर्जा (Calories)43 kcal
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates)9.6 ग्राम
– शुगर (Natural Sugars)6.8 ग्राम
– फाइबर (Dietary Fiber)2.8 ग्राम
प्रोटीन (Protein)1.6 ग्राम
वसा (Fat)0.2 ग्राम

विटामिन्स और मिनरल्स:

पोषक तत्वमात्रा (Per 100g)
फोलेट (Vitamin B9)109 mcg (27% DV)
विटामिन C4.9 mg (8% DV)
पोटैशियम (Potassium)325 mg (9% DV)
मैंगनीज0.3 mg (16% DV)
लोहा (Iron)0.8 mg
मैग्नीशियम23 mg
फॉस्फोरस40 mg
विटामिन A (Beta-carotene)33 IU

लीवर की सफाई में चुकंदर कैसे करता है मदद

बीटालैन (Betalains) नामक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

चुकंदर में पाए जाने वाले बीटालैन लीवर की कोशिकाओं में जमा टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं।

लीवर एंजाइम्स को एक्टिव करता है

चुकंदर लीवर को डिटॉक्स करने वाले एंजाइम्स जैसे कि ग्लूटाथायोन को सक्रिय करता है, जो विषैले तत्वों को साफ करने में मदद करते हैं।

पाचन और बाइल फ्लो को सुधारता है

चुकंदर का सेवन बाइल जूस (पित्त) के प्रवाह को बेहतर करता है, जिससे फैट और विषैले तत्व आसानी से पचते और बाहर निकलते हैं

चुकंदर का जूस जीवनशैली में बदलाव के साथ सबसे अच्छा काम करता है

चुकंदर का जूस पीना एक अच्छी आदत है, लेकिन यह अपने आप फैटी लीवर को ठीक नहीं कर सकता। अधिक फल और सब्ज़ियाँ खाना, शराब से बचना, नियमित रूप से व्यायाम करना और हाइड्रेटेड रहना जैसे स्वस्थ बदलाव लीवर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

चुकंदर का जूस लीवर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है, लेकिन यह बहुत बड़ी तस्वीर का सिर्फ़ एक छोटा सा हिस्सा है।” यह अन्य स्वस्थ आदतों के साथ मिलकर सबसे अच्छा काम करता है।”

रक्त ब्लड शुगर को नियंत्रण करें को शुद्ध करता है

लीवर का मुख्य काम है खून को साफ करना, और चुकंदर इस प्रक्रिया में सहायक बनकर शरीर में ताजगी और ऊर्जा लाता है।फैटी लिवर वाले व्यक्तियों को ब्लड शुगर का जोखिम अधिक होता है। चुकंदर में घुलनशील फाइबर और नाइट्रेट होते हैं, जो इंसुलिन संवेदनशीलता और ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं। डाइट में चुकंदर को शामिल करने से ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर करने में मदद मिल सकती है, इससे लिवर को नुकसान से बचाया जा सकता है।


लीवर डिटॉक्स के लिए चुकंदर का उपयोग कैसे करें?

  • चुकंदर का जूस:
    रोज़ सुबह खाली पेट 1 ग्लास ताजा चुकंदर का जूस पीना फायदेमंद होता है।
    चाहें तो इसमें गाजर, नींबू या अदरक भी मिला सकते हैं।
  • उबला या भुना हुआ चुकंदर:
    सलाद में या स्नैक की तरह खाएं।
  • स्मूदी या डिटॉक्स ड्रिंक में मिलाएं
    चुकंदर को सेब, गाजर, पुदीना आदि के साथ मिलाकर हेल्दी डिटॉक्स स्मूदी बनाएं।

गुर्दे की पथरी के कारण और लक्षण

गुर्दे की पथरी के कई कारण हैं, जैसे निर्जलीकरण, अत्यधिक अम्लीय मूत्र, मूत्र पथ के संक्रमण , गुर्दे में अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों का निर्माण, अन्य। गुर्दे की पथरी के लक्षणों में पीठ के निचले हिस्से, पेट या मूत्र पथ में अत्यधिक दर्द शामिल है जो तेज, हल्का या कष्टदायी हो सकता है, गंभीर उल्टी या मतली महसूस होना, पेशाब करने की लगातार इच्छा होना और लगातार ठंड लगना या पसीना आना। जबकि लक्षण पत्थरों के आकार के आधार पर भिन्न होते हैं, पक्षों पर लगातार दर्द और बेचैनी एक मूत्र रोग विशेषज्ञ को देखने का एक अच्छा कारण है । यदि समय पर निदान किया जाए तो गुर्दे की पथरी आसानी से ठीक हो सकती है।


सावधानी:

  • ज्यादा मात्रा में चुकंदर लेने से पेशाब या मल का रंग गुलाबी/लाल हो सकता है – यह सामान्य है।
  • यदि आपको किडनी स्टोन की समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही लें।

निष्कर्ष (Conclusion):

चुकंदर एक प्राकृतिक लीवर डिटॉक्सिफायर है, जो शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त कर ताजगी और स्वास्थ्य प्रदान करता है। अगर आप अपने लीवर को साफ और एक्टिव रखना चाहते हैं, तो चुकंदर को अपनी डेली डाइट में जरूर शामिल करें।


डिस्क्लेमर

इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। Dr You भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।

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