हाइपोनेट्रेमिया क्या है? जानिए शरीर में सोडियम की कमी
आपने कभी सोचा है कि हाइपोनेट्रेमिया क्या होता है?
यह दो शब्दों से मिलकर बना है – “हाइपो” (यानि कम) और “नेट्रियम” (यानि सोडियम)।
सीधे शब्दों में कहें तो, हाइपोनेट्रेमिया का मतलब होता है शरीर में सोडियम की कमी।
सोडियसोडियम का शरीर में क्या काम है
सोडियम सिर्फ नमक का हिस्सा नहीं होता, यह एक ऐसा खनिज है जो शरीर के कई महत्त्वपूर्ण कार्यों में शामिल है:
- कोशिकाओं में और बाहर पानी के संतुलन को बनाए रखना
- नर्व सिग्नल भेजने में सहायता करना
- मांसपेशियों के संकुचन में मदद करना
- रक्तचाप को नियंत्रित करना
- दिमाग की क्रियाओं को संतुलित रखना
जब शरीर में सोडियम कम हो जाता है, तो यह सभी कार्य प्रभावित होते हैं, जिससे कई गंभीर लक्षण पैदा हो सकते हैं।

हाइपोनेट्रेमिया के लक्षण
सोडियम की कमी का असर दिमाग में पानी की मात्रा बदलने पर पड़ता है, जिससे कई लक्षण सामने आते हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि कमी कितनी जल्दी और कितनी ज्यादा हुई है।
मामूली लक्षण:
- मतली (nausea)
- थकान
- चक्कर
- मांसपेशियों में ऐंठन
- सिरदर्द
गंभीर लक्षण:
- उल्टी
- सुस्ती
- भ्रम और बेहोशी
- गड़बड़ सोच
- हल्के मतिभ्रम (hallucinations)
अत्यंत गंभीर लक्षण:
- दौरे (seizures)
- कोमा
- सांस रुकना (respiratory arrest)
पुराना (chronic) हाइपोनेट्रेमिया:
अगर सोडियम की कमी कई दिनों या हफ्तों तक बनी रहती है, तो लक्षण हल्के हो सकते हैं लेकिन ध्यान देने लायक:
- लगातार थकावट
- उल्टी या जी मिचलाना
- चलने में कठिनाई या गिरने का डर
- भूलने की समस्या
- ऐंठन
हाइपोनेट्रेमिया के कारण क्या हैं?
1. किडनी की समस्याएं:

गुर्दे सोडियम और पानी का संतुलन बनाए रखते हैं। जब किडनी सही से काम नहीं करती (जैसे क्रॉनिक किडनी डिजीज या डिहाइड्रेशन में), तब शरीर में पानी जमा हो जाता है और सोडियम का अनुपात कम हो जाता है।
2. दवाओं के साइड इफेक्ट:
कुछ दवाएं सोडियम कम कर सकती हैं:
- डाययूरेटिक्स (पेशाब बढ़ाने वाली दवाएं)
- ACE inhibitors (ब्लड प्रेशर दवा)
- एंटी-डिप्रेसेंट्स (SSRIs)
- एंटी-साइकोटिक्स और एंटी-एपिलेप्टिक्स
- अमियोडैरोन, थियोफाइलिन जैसी दवाएं
- IV fluids या नशे वाले ड्रग्स जैसे ecstasy
3. चिकित्सीय स्थितियां (medical conditions):

- दिल की बीमारी या लीवर सिरोसिस (fluid retention बढ़ाते हैं)
- डायरिया और उल्टी (इलेक्ट्रोलाइट की कमी)
- SIADH (एक हार्मोनल गड़बड़ी जो पानी रोकती है)
- हॉर्मोन की कमी (जैसे थायरॉयड, कोर्टिसोल, एल्डोस्टेरोन)
- अत्यधिक पानी पीना (कभी-कभी खेल या मानसिक रोगियों में देखा जाता है)
4. गलत लेब जांच
कभी-कभी हाई ब्लड शुगर या हाई लिपिड्स की वजह से सोडियम की रिपोर्ट गलत आ सकती है।
सामान्य सोडियम स्तर क्या होता है
सामान्य रेंज

135 mEq/L से 145 mEq/L तक को सामान्य सोडियम स्तर माना जाता है।
अगर सोडियम स्तर इससे कम हो जाए
- 130–134 mEq/L: हल्की कमी (Mild Hyponatremia)
- 125–129 mEq/L: मध्यम कमी (Moderate Hyponatremia)
- 120 mEq/L से कम: गंभीर कमी (Severe Hyponatremia) – जानलेवा हो सकता है
अगर सोडियम स्तर इससे ऊपर हो जाए
- 145 mEq/L से अधिक: इसे हाइपरनेट्रेमिया (Hypernatremia) कहते हैं, यानी शरीर में सोडियम की अधिकता, जो खुद एक अलग समस्या है।
हाइपोनेट्रेमिया का इलाज कैसे किया जाता है?

इलाज का तरीका इस पर निर्भर करता है कि कारण क्या है और सोडियम की कमी कितनी है:
हल्के मामलों में
- कोई खास इलाज की जरूरत नहीं
- ब्लड टेस्ट के जरिए निगरानी
- यदि दवाओं से हो रहा है तो डॉक्टर दवा बदल सकते हैं
- कभी-कभी नमक का सप्लीमेंट या पानी पीने की मात्रा सीमित की जाती है
गंभीर मामलों में
- अस्पताल में भर्ती
- IV के जरिए सोडियम और दवाएं दी जाती हैं
- धीरे-धीरे सोडियम को सामान्य स्तर तक लाया जाता है ताकि मस्तिष्क पर असर न पड़े
निष्कर्ष (Conclusion):
हाइपोनेट्रेमिया यानी शरीर में सोडियम की कमी एक गंभीर स्थिति हो सकती है, खासकर जब यह तेजी से घटता है। लक्षण मामूली से लेकर जानलेवा तक हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि अगर थकान, चक्कर, भ्रम या मांसपेशियों में ऐंठन जैसी कोई शिकायत हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।
डिस्क्लेमर
इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। Dr You भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।